ग्रीन भारत क्लीन भारत के अभियान के तहत स्वच्छता के प्रति जागरूक करना और पर्यावरण के सन्तुलन को क़ायम रखने के लियें वृक्षारोपण के प्रति जागरूक करना
देश की आत्मा गाँव में रहती हैं इसको दृष्टिगत रखते हुए ग्रामीण अंचल में खेलो का आयोजन
भारत सांस्कृतिक धरोहर की जननी हैं यहाँ की मिट्टी के सभ्यता और संस्कृति का वास हैं इसको दृष्टिगत रखते हुए विलुप्त होती हुई विधाओं का प्रोत्साहन
जिस देश में नारी का सम्मान नही वह देश प्रगति नही कर सकता इसी को दृष्टिगत रखते हुए बिभिन्न क्षेत्रों में उत्कृष्ट योगदान देने वाली महिलाओं को सम्मानित करना एवं खेलो और अन्य क्षेत्रों में महिलाओं की हिस्सेदारी बढ़ाने के लियें प्रयत्न करना
युवाओ के रोज़गार एवं उनके भविष्य को सुरक्षित करने के लियें रोज़गार परक शिक्षा एवं खेलो के माध्यम से आगें बढ़ाने के लियें प्रतियोगिताओं का आयोजन करना
जन साधारण का सामाजिक , मानसिक , नैतिक , चारित्रिक , शैक्षिक , बौद्धिक व आध्यात्मिक विकास करना , ग्रामीण अंच ल में योग के प्रति शिविर लगाकर लोगो को जागरूक करना , स्वच्छ भारत के निर्माण में योगदान करना , बृक्षारोपण क े माध्यम से ग्रीन भारत क्लीन भारत के अभियान को मजबूती प्रदान करना , नदियों की सफाई के लिए जागरूकता अभिया न चलाना , कौशल विकाश के प्रति जागरूक करना , दिब्यांग जन को स्वालम्बी बनाने की दिशा में कार्य करना कृषि ए वं जल संचय के क्षेत्र में कार्य करना युवा प्रतिभा को महोत्सव के माध्यम से जागरूक करना , स्वदेशी का प्र चार करना , नारी शक्ति को स्वालम्बी बनाने की दिशा में कार्य योजना तैयार करना और उसका प्रचार प्रसार करना , पर्यटन क्षेत्र का विकास के लिए अभियान चलाना जैसे कार्यो के साथ ही आपदा एवं जन हित के लिये सदैव समर्पित रहना |
“ तभी बोलो जब वो मौन से बेहतर हो “
“ मैं ऐसे धर्म को मानता हूँ जो स्वतंत्रता , समानता और भाई - चारा सिखायें “
“ याद रखिये सबसे बड़ा अपराध अन्याय सहना और ग़लत के साथ समझौता करना हैं “
“ मानव की प्रगति का अर्थ शरीर , मन, बुबुद्धि व आत्मा इन चारों की प्रगति हैं “
“ हमें अपना काम करते रहना चाहिए वहाँ भी जहाँ इसकी क़द्र न हो “
"क्या हार में , क्या जीत में किंचित नही भयभीत में कर्तव्य पथ पर जो भी मिला यह भी सही वो भी सही वरदान नही मानूँगा हो कुछ पर हार नही मानूँगा"
“ अपने देश की आज़ादी की रक्षा करना केवल सैनिकों का काम नही बल्कि ये पूरे देश का कर्तव्य हैं “