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यात्रा

सेंटर फार सोशल सर्विसेज एंड रूरल डब्लपमेन्ट की स्थापना 1997 में सेवा परमो धर्मम के सिद्धांत के आधार पर की गयी थी तब से लेकर आज तक उसी उद्देश्य के साथ हमारी संस्था निरंतर आगे बढ़ रही हैं हम लोगो ने संथाल परगना के पाकुड़ जिले के आदिवासियों के बीच जहां वाटर सेड को लेकर काम किया वही पूर्वांचल की गंभीर मस्तिष्क ज्वर की बीमारी को लेकर भी जागरूकता फ़ैलाने की दिशा में काम करते आ रहे हैं शहीद परिवारों की गाथाओं का प्रचार प्रसार भी हमारी संस्था के कार्य क्षेत्र का हिस्सा रहा हैं जिसके तहत 15 अगस्त को एक शाम शहीदों के नाम जैसे कार्यक्रम का आयोजन हमारी संस्था लगातार करती रही हैं | महोत्सव एक ऐसा माध्यम हैं जिसके जरिये एक ही स्थान पर कई उद्देश्य की पूर्ति सफलता पूर्वक की जा सकती हैं इसी को ध्यान में रखते हुए हमारी संस्था ने विश्व मानचित्र में पर्यटन स्थली के रूप स्थापित कुशीनगर में 2014 से लगातार महोत्सव का आयोजन करते चले आ रहे हैं |

कुशीनगर मनीषियों की भूमि हैं जहाँ भगवान बुद्ध की परिनिर्वाण स्थली हैं तो यहाँ से चंद किलोमीटर की ही दुरी पर पावा नगर ( फाजिलनगर ) में महावीर की स्थली हैं वही से लगे तुर्कपट्टी में गुप्त कालीन सूर्य मंदिर हैं तो रामकोला में परमहंस महराज की जन्म स्थली हैं वही बगल का जिला देवरिया परम संत देवरहवा बाबा और बाबा राघव दास की स्थली के रूप में विश्व प्रसिद्ध हैं लेकिन इस इलाके में कोई भी इस तरह का आयोजन नहीं होता था जिससे इस इलाके का पर्यटन के क्षेत्र में विकास हो और नौजवानो को कुछ नया सिखने का मौका मिले क्योकि महोत्सव अवसर हैं उत्सव का सवाद का मिलन का सभ्यता एव संस्कति के आदान प्रदान का और कुशीनगर महोत्सव इसी उदेश्य को लेकर आगे बढ़ रहा हैं , 2014 में जब पहली बार इस आयोजन की शुरुआत की गयी तब से इस महोत्सव के माध्यम से अनेक प्रयास इस तरह के किये गए जिससे स्थानीय लोगो के मनोरंजन के साथ ही उनकी प्रतिभा को निखारने का मौका मिले तो वही इस आयोजन से क्षेत्र का भी विकास हो जिसके चलते विकास की कई योजनाये आयी और पूरी भी हुई और आज भी कई विकास की योजनाये चल रही हैं , वही इस महोत्सव के माध्यम से खेल का भी आयोजन किया जाता हैं जैसे कुस्ती , बालीबाल , क्रिकेट , हॉकी , मैराथन जिससे स्थानीय खिलाडी भी कुछ नया सिख सके वही संस्कृत के क्षेत्र में भोपजपुरी ,राजस्थानी ,हिन्दी , पश्च्यात , सांस्कृतिक नृत्य , स्थानीय बिलुप्त होते नृत्य फरुआही ,के साथ ही बरसाने की प्रसिद्ध फूलो की होली और अपना मुकाम बना चुके कलाकारों को महोत्सव के मंच पर बुलाया जाता हैं| वही पर्यावरण को ध्यान में रखते हुये वृक्षा रोपण , स्वछता को ध्यान में रखते हुए जन भागीदारी के साथ स्वछता कार्यक्रम का भी आयोजन प्रति वर्ष किया जाता हैं |

खास तौर पर महोत्सव में कला , साहित्य , रक्षा , खेल , अभिनय , शिक्षा , प्रशासन , पुलिस , किसान , स्वास्थ ,पत्रकारिता , शास्त्रीय संगीत , न्याय , समाज सेवा के क्षेत्र में अमूल्य योगदान देने वाली बिभूतियो का उत्तर प्रदेश रत्न से सम्मान किया जाता हैं जिन्होंने अपने हुनर से प्रदेश और देश का नाम रौशन किया हो जिससे स्थानीय युवा उनसे कुछ सिख सके और भविष्य में देश के लिए वे भी कुछ योगदान कर सके |

2018 में कुशीनगर महोत्सव के कार्यक्रम में पहली बार पुरातन छात्र एव छात्राओं का सम्मलेन भी आयोजित किया गया गौरतलब हैं की 1952 में बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय की स्थापना की गयी थी तब से न जाने कितने छात्र /छात्राओं ने यहाँ से शिक्षा ली और आगे निकल गए लेकिन उनकी यादो में महाविद्यालय हमेशा रहा , लेकिन उनके पास ऐसा कोई अवसर नहीं था जब वह किसी एक तिथि पर कुशीनगर आये और अपने पुराने सहपाठियों से मिल सके या अपने अनुभव या जीवन की बातो को साझा कर सके इसीलिए इस बार महोत्सव के दौरान ही ALUMNI का आयोजन किया गया जिसमे लगभग पचास वर्ष पूर्व तक के शिक्षा ले चुके छात्र /छात्राये सम्लित हुये साथ ही यहाँ के पुरातन छात्र / एव छात्राओं ने महाविद्यालय की रगाई / सफाई अपने धन से करा कर एक अलग ही मिसाल पेश की , किसी भी संस्था के ALUMNI में पुरातन छात्रों या छात्राओं का इकठा होना या उसके लिये कुछ धन देना नई बात नहीं हैं लेकिन बुद्ध स्नातकोत्तर महाविद्यालय का पुरातन छात्र / छात्राओं का सम्मलेन इस मामले में सबसे अलग रहा क्योकि जैसे ही इस बात की सुचना मिली की इस तरह का आयोजन पहली बार होने जा रहा हैं तो ख्याल आया की स्वागत के लिए सबसे पहले महाविद्यालय की रगाई और सफाई कराई जाय बजट ज्यादा था लेकिन यह तह हुआ की महाविद्यालय अपने बजट का इस्तेमाल इस सम्मेलन के लिये न करे पुताई का सारा खर्च पुरातन छात्र खुद उठाएंगे , वैसे तो आज की तारीख में नारी शक्ति हर जगह कामयाबी के झंडे गाड़ रही हैं और यहाँ भी शुरुआत छात्राओं ने ही किया |

अभी तो यह आगाज हैं अंजाम नहीं रुकावटे आयेंगी आलोचना होगी लेकिन आगे चलते रहना हम सबका उद्देश्य हैं और हम आगे बढ़ेंगे | और 2019 में कुशीनगर महोत्सव के दौरान सांस्कतिक कार्यक्रम और खेल के साथ ही खादी मेला किसान संगोष्ठी , स्वास्थ शिविर के साथ इंटर कालेज और डिग्री कालेज का एक साथ ALUMNI कराने का फैसला हुआ हैं |